कहते हैं इश्क पहली ही नजर में हो जाता है. यह आपके रुतबे-स्टेटस आदि किसी का ख्याल नहीं रखता. कुछ ऐसा ही जया भादुड़ी के साथ भी हुआ. दरअसल, दौर 1970 का था. अमिताभ फिल्मी दुनिया में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, जबकि जया उस जमाने की सुपरस्टार थीं. एक दिन अमिताभ पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट पहुंचे और जया से उनकी आंखें चार हो गईं. इस पहली ही मुलाकात ने जया का दिल तो चुरा लिया, लेकिन यह रिश्ता शादी की दहलीज तक कैसे पहुंचा, आइए जानते हैं इस वेडिंग एनिवर्सरी स्पेशल में…
गुड्डी से करीब आए जया-अमिताभ
अमिताभ और जया सबसे पहले भले ही फिल्म बंसी बिरजू में एक-दूसरे के हीरो-हीरोइन बने, लेकिन उन्हें करीब लाने की जिम्मेदारी 1971 में रिलीज हुई फिल्म ‘गुड्डी’ ने उठाई. इसी साल फिल्म ‘एक नजर’ में दोनों की नजरें एक बार फिर एक-दूसरे से टकराईं. फिर फिल्म बावर्ची ने उनके कनेक्शन को इतना मजबूत कर दिया कि 1973 में आई ‘जंजीर’ ने दोनों को एक-दूसरे को सात जन्मों के बंधन में बांध दिया
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जंजीर ने रिश्ते में बांधा
किस्सा कुछ यूं है कि उस दौर में अमिताभ और जया के इश्क की चर्चा आम हो चली थी. जया अपने करियर के पीक पर थीं, जबकि अमिताभ एक अदद हिट के लिए संघर्ष कर रहे थे. उस दौरान प्रकाश मेहरा ने जंजीर में अमिताभ को हीरो के रूप में चुन लिया, लेकिन हीरोइन की तलाश पूरी नहीं हुई थी. दरअसल, लगातार सात फ्लॉप फिल्म दे चुके एक्टर के साथ अपना करियर दांव पर लगाने के लिए कोई भी एक्ट्रेस तैयार नहीं थी. इसके अलावा जंजीर में हीरोइन के लिए कुछ खास भी नहीं था. उस दौरान सलीम-जावेद ने अमिताभ का हवाला देते हुए जया से बात की तो बात बन गई.
यूं हुई जया-अमिताभ की शादी
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जंजीर सुपरहिट रही और इसने अमिताभ-जया के रिश्ते की डोर को बेहद मजबूत कर दिया. हुआ यूं कि जंजीर की सक्सेस पार्टी के लिए फिल्म की पूरी टीम विदेश जाने की तैयारी कर रही थी. उस दौरान अमिताभ के पिता हरिवंशराय बच्चन को यह बात पता लगी तो उन्होंने दोनों के सामने शादी की शर्त रख दी. बस दोनों ने चट मंगनी पट ब्याह कर लिया.
पति के दिल से यूं मिटाई ‘रेखा’
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अब ऐसा दौर आया, जब अमिताभ का नाम रेखा के साथ जुड़ने लगा. दोनों के अफेयर के किस्से हर किसी की जुबां पर आ गए थे. जया को इसकी जानकारी मिली तो उनके भी होश उड़ गए. एक बार जब अमिताभ शूटिंग की वजह से शहर से बाहर थे तो जया ने रेखा को डिनर पर बुलाया. रेखा को लगा था कि शायद उन्हें खरी-खोटी सुनाई जाएगी, लेकिन जया ने उनका खूब आदर सत्कार किया. खाना खिलाया और घर भी दिखाया. जब रेखा लौट रही थीं, तब जया ने उनसे कहा, ‘मैं अमित को कभी नहीं छोडूंगी.’ जया की इस बात ने साफ कर दिया था कि रेखा कभी अमिताभ की नहीं हो पाएंगी.