प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं, आज पूरा देश एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी बनेगा. पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 9.40 बजे ग्वालियर आएंगे, यहां से पीएम से कूनो सुबह 10.35 बजे पहुंचेगे. यहां वे सबसे पहले दो नर और एक मादा चीता को बाड़े में रिलीज करेंगे. इसके बाद चीता मित्र और कूनो पार्क के स्टाफ से संवाद होगा. विश्व में पहली बार किसी भी वन्यजीव का अंतरद्वीपीय हस्तांतरण हो रहा है, जो एक ऐतिहासिक घटना बनेगा. जानिए प्रधानमंत्री का मिनट टू मिनट कार्यक्रम.
कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा।
आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं।
कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है. इसी तरह, आज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है. इसके पीछे दशकों की मेहनत, research-based policies और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है. Tigers की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है. असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है. हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है. आज देश में 75 wetlands को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं. देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा, और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा.
अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि Economy और Ecology कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है. पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है. प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं. हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं.